Shani Patal Kriya

शनि पाताल क्रिया

अगर आपकी कुंडली में शनि दोष है तो शनि पाताल क्रिया करने से आपकी परेशानियां दूर हो सकती हैं। शनि जयंती या अन्य शुभ शनि मुहूर्त में शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए किए गए उपाय बहुत ही प्रभावशाली होते हैं। ऐसा ही एक प्राचीन और रामबाण उपाय है शनि पाताल क्रिया। यह एक ऐसा उपाय है जो आपको शनि की टेढ़ी नजर से बचा सकता है। शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए शनि जयंती एक दुर्लभ मौका होता है। यह उपाय इस प्रकार करें-

शनि पाताल क्रिया विधि

शनि जयंती से पहले किसी शुभ मुहूर्त में शनिदेव की लोहे की एक प्रतिमा बनवाएं। अब शनि जयंती के दिन इस प्रतिमा का विधिपूर्वक पूजन एवं प्राण प्रतिष्ठा करें। (यह पूजा किसी योग्य विद्वान से करवाएं) फिर इस प्रतिमा के सामने नीचे लिखे मंत्र का जाप। कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें-

शनि पुष्य योग से पहले शनिदेव की लोहे की एक प्रतिमा बनवा लें। अब शनि पुष्य के शुभ योग में इस प्रतिमा की पूजा करें और इस मंत्र का जाप करें- 

ऊं शं न देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंयोरभि स्त्रवन्तुन:।।

इसके बाद किसी पंडित से दशांश हवन करवाएं और ऐसे स्थान पर एक गड्ढा खोदें जहां से आपका फिर कभी निकलना न हो। इस गड्‌ढे में शनिदेव की प्रतिमा को इस प्रकार रखें कि उनका मुंह पाताल की ओर हो।

इस गड्‌ढे को मिट्‌टी से भरकर समतल कर दें। इसके बाद शनिदेव से प्रार्थना करें। ये उपाय सच्ची श्राद्धा से किया जाए तो शनि दोषों से हमेशा के लिए मुक्ति मिल सकती है।


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